Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि प्रभावित परिवारों में से कोई रोजगार चाहता है तो राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए राज्य के तीन निवासियों और उधमपुर मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के हवलदार के परिजनों के लिए मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं बितन अधिकारी के परिवार के लिए विशेष सहायता की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि बितन की पत्नी को पांच लाख और उसके बुजुर्ग माता-पिता को पांच लाख दिए जाएंगे। इसके साथ ही उनके माता-पिता को प्रति माह 10 हजार रुपये पेंशन भी दी जाएगी। परिवार को 'स्वास्थ्य साथी' कार्ड भी जारी कर दिया गया है ताकि उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, "सरकार ने आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। मैंने बितन अधिकारी के माता-पिता से बात की है। उनके लिए स्वास्थ्य साथी कार्ड बनाया गया है और 10 हजार मासिक पेंशन भी दी जाएगी। बितन के माता-पिता और पत्नी को ₹5-₹5 लाख की सहायता दी जाएगी। बेहाला और पुरुलिया के अन्य दो मृतकों के परिवारों को भी 10 लाख का मुआवजा मिलेगा।"
उधर, नादिया जिले के निवासी और सेना के हवलदार झंटु अली शेख के परिवार को भी ₹10 लाख मुआवजा और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि प्रभावित परिवारों में से कोई रोजगार चाहता है तो राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि वह मुर्शिदाबाद जाकर वहां के तीन और शोक संतप्त परिवारों को व्यक्तिगत रूप से मुआवजा सौंपेंगी।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में पश्चिम बंगाल के तीन निवासियों की मौत हो गई थी। मृतकों की पहचान बैष्णवघाटा, कोलकाता के बितन अधिकारी, साखेर बाजार, कोलकाता के समीर गुहा और झलदा, पुरुलिया के मनीष रंजन के रूप में हुई है।
बितन अधिकारी अमेरिका के फ्लोरिडा में सॉफ्टवेयर पेशेवर के रूप में कार्यरत थे और पारिवारिक यात्रा पर भारत आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी और छोटा बेटा भी थे। वे अगले सप्ताह कोलकाता लौटने वाले थे। बितन की मां माया अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने बेटे की तस्वीर टीवी पर देखकर पहचान की। मनीष रंजन हैदराबाद में तैनात एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी थे, जो अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम आए थे। समीर गुहा भी एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी थे और कोलकाता के साखेर बाजार में रहते थे। वे अपनी पत्नी और बेटी के साथ कश्मीर की यात्रा पर गए थे। उनकी पत्नी ने मीडिया को बताया कि समीर पर एक नकाबपोश हमलावर ने हमला किया था।